मौन एक एहसास
मौन एक प्रखर भाषा
मौन एक चुनौती
मौन एक व्यथा
मौन एक गीत
मौन को मौन से सुनना
और कहना .... एक ईश्वरिये गुण है
जीवन का सार है !
मौन
जब मौन मुखर होता है ,
शब्द चुक जाते है |
तब अहसासों की प्रतीती में ,
पुनः वाणी जन्म लेती है|
और शब्दों की संरचना कर
भावनाओ से परिपूर्ण हो
जीवन को जीवंत करती है |
एक पौधा रोपकर ,
खुशी का अहसास
देती है |
एक पक्षी को दाना चुगाकर ,
सन्तुष्टी का अहसास देती है |
एक दीपक जलाकर
मन के तंम को दूर करती है |
और इसी तरह दिन ,सप्ताह,
महीने और वर्षो की यह यात्रा
जीवन को सत्कर्मो का ,
संदेस दे देती है |
और फ़िर
मौन
शान्ति दे देता है |
शोभना चौरे .
व्यवसाय -गृहिणी
शोभना चौरे का जन्म खंडवा (मध्य प्रदेश) में हुआ। हिन्दी साहित्य पढ़ने में रुचि रखती हैं तथा कविता, कहानी, लेख, व्यंग्य लिखने में रुचि रखती हैं। बी॰ए॰ तक पढ़ी-लिखीं शोभना गृहिणी हैं। पहले वामा,धर्मयुग में इनके लेख प्रकाशित हुए हैं। स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर कविता और लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में ये बंगलूरू में रहती हैं, जहाँ मजदूरों के बच्चों को पढ़ाकर उन्हें सरकारी पाठशालाओं में दाखिल करवाती हैं। अभी तक इनके यहाँ कुल 23 बच्चे पढ़ रहे है और इस साल कक्षा ५ में हैं। तब अहसासों की प्रतीती में ,
पुनः वाणी जन्म लेती है|
और शब्दों की संरचना कर
भावनाओ से परिपूर्ण हो
जीवन को जीवंत करती है |
एक पौधा रोपकर ,
खुशी का अहसास
देती है |
एक पक्षी को दाना चुगाकर ,
सन्तुष्टी का अहसास देती है |
एक दीपक जलाकर
मन के तंम को दूर करती है |
और इसी तरह दिन ,सप्ताह,
महीने और वर्षो की यह यात्रा
जीवन को सत्कर्मो का ,
संदेस दे देती है |
और फ़िर
मौन
शान्ति दे देता है |
शोभना चौरे .
व्यवसाय -गृहिणी
मौन तो ईश्वर का दिया हुआ अनमोल उपहार है।
ReplyDeleteमौन की भाषा सबसे प्रखर होती है।
दोनों ही रचनाएं अत्यंत प्रभावशाली हैं।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, शोभना जी का परिचय जानकार बेहद प्रसन्नता हुई, शुभकामनाएं!
ReplyDeleteमौन को मौन से सुनना
ReplyDeleteऔर कहना .... एक ईश्वरिये गुण है
जीवन का सार है !
haan...ek bahut bara sach...utne hi khoobsurat andaz men....
जब मौन मुखर होता है ,
ReplyDeleteशब्द चुक जाते है |
ek aur sachchayee...dil ke kareeb....
और इसी तरह दिन ,सप्ताह,
ReplyDeleteमहीने और वर्षो की यह यात्रा
जीवन को सत्कर्मो का ,
संदेस दे देती है |
और फ़िर
मौन
शान्ति दे देता है
|बहुत ही गहन -
सत्य के करीब लाती हुई रचना -
मौन भव तार करा देता है .
कोई शक नहीं .
मौन... वाकई कितना कुछ दे जाता है हमें...
ReplyDeleteबहुत सटीक वर्णन...
दोनों ही रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं...
महीने और वर्षो की यह यात्रा
ReplyDeleteजीवन को सत्कर्मो का ,
संदेस दे देती है |
और फ़िर
मौन
शान्ति दे देता है |
दोनों ही रचनाएं अत्यंत प्रभावशाली हैं।
दोनों ही रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं| धन्यवाद|
ReplyDeletemaun ..ishvar ka diya aashirvad hai....jisne ise na samjha jeevan ko ek khalipan se bhar diya...
ReplyDeleteजीवन की छोटी छोटी बातों में खुशियाँ ढूंढनी चाहिए ... छोटी छोटी खुशियों से ही उत्तम साहित्य की रचना होती है ...
ReplyDeleteमौन अपनों का दुःख तो देता है मगर जब पढना आ जाता है तो असीम संतोष भी !
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (7-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
shanti shakti ka prateek hai....
ReplyDeletejai baba banaras.....
बहुत खूबसूरत पंक्तियों में सहेजा है मौन को
ReplyDeleteविचारों की गहन अभिव्यक्ति.....
ReplyDeletekhubshurat abhivyakti...
ReplyDeleteगहन भावों के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ...प्रस्तुति के लिये आभार ।
ReplyDeleteदोनों ही रचनाओं में बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteमौन की भाषा भी कितनी सुन्दर होती है..बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteमौन की भाषा भी कितनी सुन्दर होती है..बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 08-03 - 2011
ReplyDeleteको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
मौन एक शक्ति है जिसने मौन को समझ लिया उसने जीवन को पा लिया.
ReplyDeletebakhoobhi paribhashit kiya maun ko.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ... रश्मि जी .. सुन्दर चुनाव...
ReplyDeletebahut sunder rachnayein hai
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