लुप्त प्रायः हिंदी साहित्य में प्राण संचार करते हुए परिकल्पना समूह के महारथियों ने 30 अप्रैल 2011 को दिगम्बर मार्ग स्थित हिंदी भवन में एक इतिहास रचा . पुरस्कार समारोह का संचालन करती हुई डॉ गिरिराज शरण अग्रवाल की बड़ी सुपुत्री गीतिका गोयल ने एक सम्मोहन बिखेरा अपनी प्रस्तुति का .... 50 वर्षों का सतत प्रयास मंच पर कई नदियों को अपने में समेटे समुद्र सा लहरा रहा था , और हर उपस्थित सदस्य के हाथ मुक्त हाथों मोती लुटा रहा था . डॉ गिरिराज शरण और उनकी पत्नी डॉ मीना अग्रवाल शरण ने मंथन से अमृत निकाला और अनगिनत साहित्यकारों को अमरत्व प्रदान किया , अनेक संभावनाओं के द्वार खोले और स्वागत में पूरा परिवार खड़ा था ... विनम्रता ही आगत के द्वार खोलती है , इस परिवार ने इसका बखूबी
परिचय दिया .
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ,हास्यव्यंग्य के सरताज श्री अशोक चक्रधर , वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामदरश मिश्र , और श्री प्रभाकर श्रोत्रिय , प्रमुख समाजसेवी विश्वबंधु गुप्ता , और डायमंड बुक्स के संचालक श्री नरेन्द्र वर्मा जी इस उत्सवी माहौल को अपने विचारों का सिंचन देने के लिए मंच पर उपस्थित थे . पुस्तकों का लोकार्पण , 64 हिंदी ब्लौगरों का सारस्वत सम्मान इस मंच की भव्यता रहे .
पूरे कार्यक्रम ने विदा देते हुए इकबाल के इन विचारों को मौन हवा दी---
'नहीं है नाउम्मीद इकबाल अपनी किश्ते वीरां से
ज़रा नम हो तो यह मिट्टी बड़ी ज़रखेज है साकी '
कम से कम इस बार भगवान को धन्यवाद की इस अवसर का मैं गवाह बना.....और अपनी प्रिय रश्मि दीदी का आशीर्वाद प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किया .
ReplyDeleteSamaroh me aapse theek se mulaqaat nahee ho payee iska afsos rahega!
ReplyDeleteAapke sampoorn pariwaar ko bahut,bahut badhayee!
बहुत बधाई...
ReplyDeleteइस अवसर पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें |
ReplyDeleteसमारोह में मुलाक़ात तो हुई पर बात नहीं ...इसका अफ़सोस रहेगा ...
ReplyDelete30 अप्रैल को हिन्दी भवन, दिल्ली में सभी ब्लॉगर साथियों से मिलना सुखद संयोग रहा।
ReplyDeleteaap sabhi ko convene ki bahut bahut subhkamnaye
ReplyDeletebahut bahut badhai, aap sabhi bloggers ko!,
ReplyDeleteyun hi milte rahiye! achha lagta he jab aise prayaas hote rehte hain!
बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteआयोजकों का हार्दिक धन्यवाद करना चाहूँगा जिन्होंने हिंदी ब्लॉग जगत को एक मंच पर न सिर्फ इकठ्ठा किया वरन सम्मानित भी किया| विशेषकर श्रीमति रश्मि प्रभा दीदी जी का और श्री रविन्द्र प्रभात जी का हार्दिक धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने कृपा करके निमंत्रित किया और साहित्यकारों के समुद्र बीच कुछ मोती चुनने का अवसर दिया| ब्लॉग-जगत से जुड़े लोगों से जुड़कर मन गद-गद हो गया है| आयोजन कि जितनी सराहना की जाय कम है|
ReplyDeleteश्री विश्वबन्धु गुप्ता जी ने चिठ्ठाकारों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने की जो राह दिखाई है उसपर चलना चाहिए| सरकार स्विस बैंकों में जमा धनराशि वापस लेन में अगर असमर्थ हो तो आम जनता को क्या करना चाहिए यह बड़े ही स्पष्ट शब्दों में उन्होंने बताया| उनका भाव देखते ही बनता था|
आगे भी ऐसे आयोजन होते रहेंगे ऐसी शुभकामना है, शुभेक्षा है|
bahut bahut badhai aur shubhkamnaye.
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास रहा। सब को बधाई और वेशेषकर रवीन्द्र प्रभात जी और अविनाश जी को
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteमैं भी उस समय के इतिहास बनने का प्रत्यक्ष गवाह हूँ. मैंने भी देखा था यह संगम.
ReplyDeleteअन्दर और बाहर आनंद वर्षा हो रही थी. भीग गया था पूरी तरह से और उसकी स्मृतियों में खोया हुआ घर चला आया था.
इस समारोह का हिस्सा बनना ..किसी सपने का साकार होने जैसा है
ReplyDeleteकभी सोचा नहीं था कि मै ऐसे किसी समारोह का हिस्सा बनूगीं
और सबसे अच्छी बात ये कि रश्मि दीदी से बात करने और उनके
करीब रहने का अवसर प्राप्त हुआ ....बहुत अधिक समय तो साथ नहीं बीता पाए
पर जितना भी मिला वो बहुत था .......रश्मि दीदी ...इसके लिए आपको धन्यवाद जो आपने
हम जैसे ब्लोगर्स को ऐसा मौका दिया
sare bloggers ko bahut bahut badhaai aur Rashmi ji ko dher sari badhaai ..
ReplyDeleteagle sal mai pakka vaha rahungi.. ye vaada.. maine bahut miss kiya ye bar..par koi bat nahi agle sal ...
badhai sabko aur rashmi di aapko specially!!:)
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