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जो अनुत्तरित है उसे अनुत्तरित ही रहने दो
सच का सैलाब उत्तर बन गया
तो सारे भ्रम मिट्टी में मिल जायेंगे ...

रश्मि प्रभा


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उत्तर : अनुत्तरित प्रश्नों के !


एक दिन मन में उठा ये प्रश्न,
अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर क्यों नहीं है?
आवाज एक उठी अंतर से
ये प्रश्न अनुत्तरित इस लिए है
क्योंकि
इनका कोई उत्तर नहीं होता,
खोजोगे भी उत्तर तो
फिर नए प्रश्नों का जन्म होगा,
और प्रश्नों और उत्तरों में ही
जीवन उलझ कर रह जायेगा ।
सुलझा तो उन्हें अनुत्तरित
छोड़कर भी नहीं है।
इस लिए उन के सवाल पर
काला चश्मा लगा रहने दो
क्योंकि उत्तर देने के लिए
तुमसे आँखें मिलानी होंगी
और काले चश्मे के पीछे छिपी
सुर्ख आँखों की लाली
दिल का हाल बयान कर देंगी।
फिर प्रश्न
उस सुर्खी पर
और उस पर भी
उठे सारे प्रश्न अनुत्तरित रह जायेंगे
इस लिए
कुछ अनुत्तरित प्रश्नों को ही
जीवन का सच बन जाने दो
और सच सिर्फ सच होता है
जिसको नियति ने
प्रारब्ध में लिखा होता है।

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19 comments:

  1. सटीक और सार्थक बात कही है ...बहुत अच्छी रचना

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  2. अति उत्तम रचना।

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  3. बेहतरीन रचना\ रेखा जी को बधाई।

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  4. सटीक और सार्थक रचना

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  5. बेहतरीन रचना!

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  6. इन्हीं प्रश्नों के उत्तर खोजने में जीवन का अर्थ है...बिजी रहने के लिए कुछ समस्याएं...कुछ प्रश्न जरुरी हैं...नहीं को सस्पेंस खत्म हो जायेगा...सुन्दर रचना...

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  7. यकीनन अनुत्तरित तो अनुत्तरित ही रहेगा .. पर प्रश्न तो उत्तर की अपेक्षा करेंगे ही

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  8. सही कहा है,जीवन में रहस्य है तभी तो हम बार बार यहाँ आना चाहते हैं...राज को राज ही रहने दो ...

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  9. बिल्कुल ठीक कहा है आपने...
    बहुत सुंदर...

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  10. हां , हर उत्तर के गर्भ से ही एक नए प्रश्न का जन्म हो जाता है और ये सिलसिला अनंतकाल तक चलता रहता है ...

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  11. बेहद सुंदर रचना है रेखा जी को बधाई !

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  12. सत्‍य के बेहद निकट यह अभिव्‍यक्ति ।

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  13. रश्मि जी,

    बहुत बहुत धन्यवाद , कविता को चुनने के लिए.

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  14. पहले भी पढ़ी थी कविता ...याद थी अब तक !
    नियति और प्रारब्ध से कौन बच पाया है !

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