शीर्ष पर पहुँचने की महत्वाकांक्षा मेंहम अपनी जड़ों को भूल गए ...जड़ों के सूखते हमारा क्या होगा होड़ में हम इससे बेखबर हैं
बस इतनी सी बात रह गई है कि .....उसकी कमीज मेरी कमीज से सफ़ेद कैसे !
रश्मि प्रभा
=====================================================रश्मि प्रभा
पड़ाव
जीवन की दौड़
न जाने
कब, कैसे, कहां खत्म हो
किसी को नहीं पता
हम...भागीदार बन गए हैं
इस...दौड़ के
जबसे चले हैं
बस चलते ही जा रहे हैं
पड़ाव की
आकांक्षा में
कठिनाइयों से जूझते
तूफानी राहों में भी
मन की ज्योति
प्रज्वलित किए
निरंतर...चल रहे हैं
न जाने कब तक
चलते रहेंगे...यूं ही
संभवतया
कभी पड़ाव मिल जाए
पर क्या...
वो दौड़ खत्म हो जाएगी
नहीं...
दौड़ गतिमय रहेगी
भागीदार बदल जाएंगे
क्योंकि
चलना ही है
जीवन का दूसरा नाम
ठहरना...अर्थ
दौड़ का अंत
अर्थ...
जीवन का अंत
वीणा श्रीवास्तव
कविता, संगीत और फोटोग्राफी मेरा शौक है।
मन की उथल-पुथल को शांत कर देते भाव...
ReplyDeleteकविता में भाव की गति शनैः शनैः चलायमान हैं. चिंतन का ठहराव कहीं पर नहीं.
acchi saarthak rachna..
ReplyDeleteबहुत सार्थक प्रस्तुति..
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteचलना ही जिंदगी है।
ReplyDeletesunder marmik kavita achhi lagi
ReplyDeleteसार्थक चिंतन है इस कविता में ... चलना ही जीवन का दूसरा नाम है ... सुंदर प्रस्तुति ...
ReplyDeletebahut pasand aayee.....
ReplyDeleteदौड़ गतिमय रहेगी
ReplyDeleteभागीदार बदल जाएंगे
यथार्थ का सफल शब्दांकन
न जाने कब तक
ReplyDeleteचलते रहेंगे...यूं ही
संभवतया
कभी पड़ाव मिल जाए
पर क्या...
वो दौड़ खत्म हो जाएगी
नहीं...
दौड़ गतिमय रहेगी
भागीदार बदल जाएंगे
क्योंकि
चलना ही है
जीवन का दूसरा नाम
ठहरना...अर्थ
दौड़ का अंत
अर्थ...
जीवन का अंत
nice lines . contemporary n true for the life !keep writing....
वटवृक्ष की छांव तले लाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद...
ReplyDeletesaras anubhuti se parichay karata kavy mohak hai ,abhhar ji
ReplyDeleteजीवन के सफ़र में प्रसिद्धि , दौलत के पीछे दौड़ते भागते लोगों पर अच्छी कविता !
ReplyDeleteदौड़ गतिमय रहेगी
ReplyDeleteभागीदार बदल जाएंगे
क्योंकि
चलना ही है
जीवन का दूसरा नाम
bahut khoob
बहुत खूब ...बहुत अच्छी अभिव्यक्ति ..
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