ग़ज़ल
इस दिल ने नादानी में
आग लगा दी पानी में |
वा'दे सारे खाक हुए
आया मोड़ कहानी में |
तेरी याद चली आए
है ये दोष निशानी में |
कब उल्फत को जान सके
लोग फँसे नादानी में |
या रब ऐसा क्यों होता
दुख हर प्यार कहानी में |
टूटा दिल , बहते आंसू
पाए विर्क जवानी में |
दिलबाग विर्क
http://sahityasurbhi.blogspot.
बहुत बढिया
ReplyDeleteसुंदर ग़ज़ल। छोटी बहरों में काफी कुछ समाया हुआ है..
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गजल!...पढ़ कर मजा आ गया!
ReplyDeleteअपने मनोभावों को गजल के माध्यम से सुन्दर ढंग से कहने का एक अलग ही निराला रंग निहित होता है गजल में ...और इसी कड़ी में आपकी रचना पढना बहुत अच्छा लगा....
ReplyDeleteवाह भई वाह |
ReplyDeleteबहुत खूब कहा आपने!
ReplyDeleteसादर
वाह ..
ReplyDeleteबहुत बढिया !!
दिल तो बच्चा है जी ....... /
ReplyDelete" जर्राहों की तलाश में दिल-ए-बीमार नहीं होता
गर नादानियाँ नहीं होतीं ......"
बहुत अच्छा ,शुक्रिया जी /
या रब ऐसा क्यों होता
ReplyDeleteदुख हर प्यार कहानी में |
इस दिल ने नादानी में ,
आग लगा दी पानी में .
सारे वायदे (वा'दे )ख़ाक हुए ,
आया मोड़ कहानी में .
बचपन की नादानी में ,
पाया जोश जवानी में .
झूठीं एक कहानी में ,
बहके हम नादानी में .
हाँ! भाई साहब ! गज़ब की रवानी है इस कहानी में .बेहद गे रचना है याद हो गई ,बढती चली गई मुद्रा प्रसार सी ,सोने के भाव सी,नेताओं के उन्माद सी ,मंद मति के संज्ञान सी .
इस दिल ने नादानी में ,
ReplyDeleteआग लगा दी पानी में .
सारे वायदे (वा'दे )ख़ाक हुए ,
आया मोड़ कहानी में .
बचपन की नादानी में ,
पाया जोश जवानी में .
झूठीं एक कहानी में ,
बहके हम नादानी में .
हाँ! भाई साहब ! गज़ब की रवानी है इस कहानी में .बेहद गेय रचना है याद हो गई ,बढती चली गई मुद्रा प्रसार सी ,सोने के भाव सी,नेताओं के उन्माद सी ,मंद मति के संज्ञान सी .
नायाब!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गजल
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन..
:-)
सुंदर गजल....
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