ब्लॉग की दुनिया में चलते चलते कई नाम कई चेहरे अपने हो गए हैं .... नए क़दमों का आना भी जारी है . कम उम्र के नए कदम तो बहुत कुछ जानते हैं , पर उन क़दमों से कदम मिलाते माता-पिता के चेहरों की चमक, उनके शब्दों का सुकून और उनके अनुभवों की धार की बात ही अलग है .... यहाँ से ज़िन्दगी की एक नई शुरुआत होती है . कितना कुछ सोचा, चाहा , खोया - पाया को बांटने का सही वक़्त ..... कुछ खुराकें नींद की , अपने होने की मिल जाती हैं !

आइये आज एक परिचय विभा रानी श्रीवास्तव जी से करवाऊं ... जिनसे एक शहर में रहकर मेरा कोई ख़ास परिचय नहीं था , सिवाए इसके कि हमदोनों के बेटों में बहुत अच्छी दोस्ती है . दोस्ती के लिए हम मिले , पर कुछ अबोला रहा हमारे बीच ! मुझे तो मेरी बेटी ने २००७ में ही इन्टरनेट करना सिखाया , विभा जी ने अभी सीखा और इस नई तकनीक ने हमें एक दूसरे के विचारों से मिलाया . शुरू में एक अनजानापन हर किसी के मध्य होता है , मैं एहसासों की दोस्ती एहसासों से करवाना चाहती हूँ और उसी प्रयास को सार्थकता देने के लिए हमने वटवृक्ष लगाया , ताकि पल भर की छाँव में बहुत सारे पथिक आत्मीय बन जाएँ और ऐसा हुआ है, होगा भी - क्योंकि एक से भले दो , दो से भले चार.....

रश्मि प्रभा
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विभा जी का ब्लॉग है - http://vranishrivastava.blogspot.com/ जहाँ उन्होंने खुद कहा है ---- कुछ नया करना या जानना जिन्दगी को उर्जा से भर देता है, आज हकीकत में अनुभवकर रही हूँ….

" उर्जामय जिन्दगी "

कुछ नया करना या जानना जिन्दगी को उर्जा से भर देता है,आज हकीकत में अनुभव कर रही हूँ….

चार भाइयों की लाडली , माँ - पापा की दुलारी अपनी खुशियों से भरी ( शांतिपूर्ण ) जिन्दगी सोलह साल गुजारी ही थी , कि मझले भाई की मृत्यु , बड़े भाई की शादी , माँ की मृत्यु , बड़े भतीजे का जन्म.... !!

इस उतार - चढाव ( सुख - दुःख ) वाले जिन्दगी के बाइसवें साल में शादी... !! ससुराल में देवर - ननद की शादी , उनके बच्चे , अपना बेटा , उसकी परवरिशके बीच अपने पति के बढ़ावा देने पर बी.एड .और law की.... !!

बेटे के पढ़ाई और फिर नोंकरी के लिए बाहर जाने के बाद और पति के अपने कामों में अति व्यस्त रहने के कारण ,अपने मनपसंद कार्य पेपर ज्वेलरी ,बुनाई -कढ़ाई में समय व्यतीत हो जाता था ,लेकिन कितने वर्षो तक... ??

इस बार बेटा जब घर आया (अगस्त ११ ) तो प्रोत्साहित किया , कि फिर से पढ़ने - लिखने पर ध्यान लगाओं.... !! इस ओर तो कभी ध्यान ही नहीं गया था....

घर रहकर ही विस्तृत आकाश मिला ,अनेक सितारे मिले ,आपका साथ मिला "बहुत -बहुत धन्यवाद ".... !!
अब जिन्दगी में हर्ष -उल्लास आ गया है... :) जीने में मज़ा आने लगा है.... :):)
मिलिए मेरे संग मेरे बेटे से ...





18 comments:

  1. स्नेहिल विचारों से समृध्ह अपना सा आलेख ,.... उर्जा प्रदान करता हुआ मोहक है .....सुक्रिया जी /.

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  2. रचनात्मकता उर्जा प्रदान करती है...इस दुनिया में पुनः सक्रिय होने के लिए शुभकामनाएं...

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  3. ऊर्जा का संचार होता रहे और आप इसी तरह आगे बढती रहें॥

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  4. आदरणीया विभा जी के बारे मे जानकर बहुत अच्छा लगा।


    सादर

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  5. vandanaa ji ki baat se sahamt hoon aur yahi kamna karti hoon ki urjaa ka sanchaar hotaa rahe aur aap yunheen aage badhti rahain....

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  6. वटवृक्ष की इस छांव में अपनी कलम के ओज से कितने अंजान चेहरों को बिल्‍कुल समक्ष ला खड़ा करती हैं आप ...जिनमें आदरणीय विभा जी का परिचय भी और यह ऊर्जा के साथ्‍ा रचनात्‍मकता अच्‍छी लगी ... आभार के साथ शुभकामनाएं ।

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  7. विभा जी के बारे मे जानकर बहुत अच्छा लगा।
    बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति हेतु आभार

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  8. वटवृक्ष की छाँव में यूँ ही परिचय की श्रृंखला जुड़ती रहे!

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  9. बहुत अच्छा लगा विभा जी के बारे में जानकर !!

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  10. आपके और मेरे बीच रिश्ता क्या है ये उधेड़ - बुन कई वर्षो से चल रहा था... !! अभी हाल के दिनों में तो कुछ ज्यादा... !! महबूब और मृगांक दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त हैं लेकिन हमारे बीच क्या रिश्ता है.... ??
    इन पंक्तियों को मैं कई दिनों से लिख रखी थी " पोस्ट " नही कर रही थी... !! दिवाली के दिन , मृगांक को बोली भी थी , कि तुम्हारी माँ मेरी "मार्गदर्शिका " ( गुरु ) हैं... !! आज ये पूरी तरह स्पष्ट हो गया... ! मैं आपकी दिल से शुक्रगुजार हूँ... :) वटवृक्ष " उर्जामय जिन्दगी " के लिए आपका किन शब्दों में धन्यवाद दूँ.... ?? I am speechless....आपके प्रकाश में जो सितारे मिले हैं उन सभी का बहुत - बहुत धन्यवाद... !!

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  11. आपका साथ बहुत लोगों की जिंदगी में ऊर्जा भर देता है !
    बहुत अच्छा लगा विभा जी से मिलना ...

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  12. विभा जी , वाणी .... यह मेरा सौभाग्य है

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  13. उर्जा प्रदान करती सुन्दर लेख...

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  14. सुन्दर...
    विभा जी का स्वागत...
    सादर बधाई...

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  15. "उर्जामय ज़िन्दगी " बहुत अच्छी लगी |

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