प्यार के सिरे जहाँ रह जाते हैं उनको जब भी पाना हो ... वहीँ जाना जो बचपन के गलियारे में रह जाते हैं उनको पाने के लिए गुड़िया घर के दरवाज़े...
कुछ तो करो लोगों
दोष इसका है या उसका है , इसको बताने से पहले अपने इस मुल्क के लिए कुछ तो कर जाओ लोगों ... रश्मि प्रभा ===============...
नन्ही लौ और इंसान...!
असुर का साम्राज्य कितना भी बड़ा हो अगर की खुशबू मन को सुकून देती है ... रश्मि प्रभा ======================...
" बरगद –आत्मकथ्य"
अपनी विशालता को पहचानो कितने पौधे तुमसे ऊष्मा पाते हैं कितने राहगीर आराम ... लाभ हानि तो हर रिश्तों में है तो क्या अपने वजूद से रूठ जाएँ !...
फिर आ गया गणतंत्र दिवस
फिर आ गया गणतंत्र दिवस दिखलाने, बतलाने सुनने-सुनाने हालात, समस्यायें उपलब्धियां गिनाने। देखो… सुनो… पढ़ो… जांचो… मगर कुछ कहना मत। ...
प्यार की परिभाषा..
बालू के घरौंदे ... छप छप होती लहरें किसी नन्हीं चिड़िया का इधर उधर देखना चलते चलते हाथ पकड़ यूँ ही मुस्कुराना अचानक बारिश की बूंदों से भी...
ज़िंदा कविता की तलाश ...
मन के बादलों में भरे कुछ एहसास अद्रा नक्षत्र की बारिश की तरह बरसना चाहते हैं किसी पत्ती पर दूबों पर नदी में सागर में झोपड़ी पर .... किसी ...
बीज से फूल तक
अस्तित्व .... कौन चाहता है खोना यह जीवन ही है खुद से खुद को देना देकर खुद को पाना अस्तित्व अपना बनाना .... रश्मि प्रभा ===================...
पाप या पुण्य (लघु कथा)
पाप पुण्य की परिभाषा भी स्वार्थी होती है रोग , बुढापा , मृत्यु - सबसे अपना फायदा निकाल लेती है ... रश्मि प्रभा ========================...
ये खोटे सिक्के ...
खोटे सिक्के रोबोट बनाते हैं अब इन्सान की तलाश किसी को नहीं रोबोट ही असली पहचान देते हैं ... आलोचना करो या हंसो खोटे का बोलबाला है .... ...