दोहरे चेहरे-- लघु कथा -- दोहरे चेहरे-- लघु कथा --

मुखौटे के भीतर से कैसी धुन आएगी कौन जानता है !!! रश्मि प्रभा ================================================================= ...

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11:00 AM

मेरे हिस्से का सूरज ... मेरे हिस्से का सूरज ...

मेरे दिल के ख्वाबगाह में गुनगुनाता है एक ग़ज़ल कोई जो तुम्हारी शक्ल लेता है ! मेरी तूलिका ने बाँधा है इन लम्हों को आज तुमने मुझे शायराना ...

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11:00 AM

क्या ऐसा भी हो सकता है भला कभी!!!!!! क्या ऐसा भी हो सकता है भला कभी!!!!!!

कई बार होता है ऐसा जब अकेलापन गहराता है बुखार से सर तपता है किसी का स्नेहिल स्पर्श सर पे गीली पट्टी सा काम करता है ... सच था या झूठ ... ज...

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11:00 AM

अजनबी अजनबी

एक अजनबी ही सही राह बड़ी लम्बी है ... कुछ तो छोटी हो जाएगी ! रश्मि प्रभा ============================================================...

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11:00 AM

या देवी सर्वभूतेषु दृष्‍टि‍ रूपेण संस्‍थि‍ता या देवी सर्वभूतेषु दृष्‍टि‍ रूपेण संस्‍थि‍ता

आंसू हर पल आंखों में नहीं तैरते, लम्हा-दर-लम्हा - जब्त हो जाते हैं, विरोध का तेज बन जाते हैं......... तुमने अपनी गरिमा में, आंसुओं को बेमानी...

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11:00 AM

मृगमरीचिका नहीं --मुझे है जल तक जाना मृगमरीचिका नहीं --मुझे है जल तक जाना

बहुत रही भुलावे में हरि अब लक्ष्य साधो क्षितिज के भ्रम से अब मुझे उबारो प्यास हुई ये वर्षों की अब पार उतारो .................... रश्मि प...

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11:00 AM

अडवांसड टेक्नॉलजी... परेशाँ सा ख़ुदा !! अडवांसड टेक्नॉलजी... परेशाँ सा ख़ुदा !!

पतझड़ में गिरे शब्द फिर से उग आए हैं पूरे दरख़्त भर जायेंगे फिर मैं लिखूंगी रश्मि प्रभा ========================================...

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11:00 AM

क्षणिकाएं क्षणिकाएं

जीवन के विविध रूप, विविध ख्याल विविध एहसास ...... कुछ एक सा कुछ जुदा सा रश्मि  प्रभा   ========================================...

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11:00 AM

दबंग यादें ********* दबंग यादें *********

यादों के गाँव से चिठ्ठी आई है याद किया है अमरुद के पेड़ ने नन्हे पैरों की चहलकदमी को जो उसकी पतली शाखाओं पर भी मचलते थे याद किया है गोलम...

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11:00 AM

सफलता सफलता

एक ही सच !कहीं सही, कहीं गलत, और कहीं वक़्त की मांग ! रोटी में कभी चाँद कभी भूख कभी हवस ! कोई शरीर को आत्मा बना जीता है कोई शरीर को माध्...

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11:00 AM

अपराध बोध अपराध बोध

अगर तुम चाहो तो परिवर्तन संभव है... पर तुम इस चाह से परे दूसरों की प्रतीक्षा करते हो ! असंभव को संभव का आयाम तो दो पानी की धारा को बदलने ...

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11:00 AM

चुन ली मैंने जो राह नयी है .... चुन ली मैंने जो राह नयी है ....

नए कदम दृढ़ हैं अपनी राहों पे उन्हें भरोसा है तो मंजिलें भी चलकर पास आने लगी हैं .... रश्मि प्रभा   ==============================...

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11:00 AM
 
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