!!प्यार !!
ज़िन्दगी कहती है एक बात
कभी तुमसे
कभी हमसे
प्यार से बढ़के कुछ भी नहीं है ...
ज़िन्दगी कहती है एक बात
जब नहीं होता कोई साथ
चलता है बनके एक विश्वास
कभी रब लगता है
हाँ वो रब लगता है
ज़िन्दगी कहती है एक.....
टूट जाते हैं जब सपने
रूठ जाते जब सब अपने
वो सपना बनता है
हकीकत लगता है
ज़िन्दगी कहती है....
जब नहीं होती है ज़मीं
ना दिखता है कोई आकाश
वो धरती बनता है
आसमाँ बनता है
ज़िन्दगी कहती है एक बात ..............
प्यार आँखों से बहता है
प्यार साँसों में पलता है
गीत बन जाता है
दूर तक जाता है
ज़िन्दगी कहती है एक बात .
रश्मि प्रभा
"प्यार आँखों से बहता है
ReplyDeleteप्यार साँसों में पलता है
गीत बन जाता है
दूर तक जाता है
ज़िन्दगी कहती है एक बात ."
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत सुन्दर ....ज़िंदगी यही कहती है कि न जाने कब और कैसे रिश्ते बन जाते हैं ...
ReplyDeleteजब नहीं होता कोई साथ, चलता है बनके एक विश्वास, कभी रब लगता है...हाँ वो रब लगता है ...
ReplyDeleteतभी तो कहती हु तुझ में रब दिखता है ...Ilu
ज़िन्दगी एक अबूझ पहेली है और हमेशा ही रहती है मगर प्यार का महासागर इसका रास्ता सरल कर देता है.
ReplyDeleteएक सुन्दर प्रस्तुति।
bahut sundar
ReplyDeletepyar wo hai, jise jaise chaho anubhav karo......:)
ReplyDeleteinfact krodh me bhi pyar hota hai...:)
Di kee sadhe hue sabdo me ek saandaar rachna..!!
जब नहीं होती है ज़मीं
ReplyDeleteना दिखता है कोई आकाश
वो धरती बनता है
आसमाँ बनता है
ज़िन्दगी कहती है एक बात
इस पर मैं यही कहूंगी क्या बात है?
बहुत सुन्दर और सारगर्भित है यह कविता !
ReplyDeleteप्यार अथवा प्रेम के सन्दर्भ में आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति मन को झंकृत कर गया और जेहन में समा गयी ये चार पंक्तियाँ , कि-
ReplyDeleteज़िन्दगी कहती है एक बात
कभी तुमसे
कभी हमसे
प्यार से बढ़के कुछ भी नहीं है ...
ज़िन्दगी कहती है एक बात
Very sensitive poem describing LOVE,really appealing and emotional.You deserve praise.
ReplyDeletewith best wishes,
dr.bhoopendra
jeevansandarbh.blogspot.com
gar marm ham jeevan ka jaan len,
ReplyDeletephir ham kyon kisi ki jaan len,
pyaar se hi panapata hai pyaar hee,
gar isa hakeekat ko ham maan len.
kuchh pal isa vatvriksha ke tale ham bhi gujarenge. isa shuruaat ke liye badhai.
लो मेरी अभिव्यक्ति,मेरी प्रतिक्रिया आपके ब्लोग को पसंद ही नही आई शायद,पोस्ट होने से पहले अदृश्य हो गई.
ReplyDeleteहा हा हा
uttam krit, shubhkaamnaayen.
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