माँ ... जिसके आगे ख्वाहिशों को
नए पंख, नई उड़ान मिलती है
दुआओं के धागों में
जो रक्षा मंत्र पिरो देती है
माँ अपनेआप में
सूर्य कवच होती है



रश्मि प्रभा




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माँ - एक मधुर अहसास

मैं अकेली कहाँ ?
कोई तो है
जो मुझे पग -पग पर समझाती है ,
कभी प्यार से
कभी फटकार से ,
निराशा के घनघोर अंधकार में ,
ज्योति की एक सुनहरी किरण ,
रास्ता दिखाती
पथ प्रदर्शन करती
मुस्कराती
ओझल हो जाती ,
पास न होकर भी
दिल के कितने करीब होती है
जब -जब भी तुम्हें पुकारा
तो पाया
एक मधुर अहसास ,
सुख -स्पंदन
प्यार का अथाह सागर ,
निश्छल प्यार
जो कहती ... मै दूर कहाँ हूँ तुमसे ?
तुम मेरा प्रतिविम्ब हो ,
उठो ,छोड़ो निराशा
और आगे बढ़ो ...
मेरी प्रेरणा ,मेरी मार्ग -दर्शक
और कोई नहीं
मेरी माँ ही हैं l

-प्रीत अरोड़ा
शोधार्थी ,हिंदी -विभाग
पंजाब यूनिवर्सिटी ,चंडीगढ़

17 comments:

  1. मेरी प्रेरणा ,मेरी मार्ग -दर्शक
    और कोई नहीं
    मेरी माँ ही हैं !!

    हर शब्‍द एकदम सच ....।

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  2. सच कहा……………बहुत सुन्दर्………होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  3. माँ हमेशा मार्गदर्शक होती है..बहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  4. हर शब्‍द एकदम सच|
    होली की हार्दिक शुभकामनायें|

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  5. खामोशी भी और तकल्लुम भी ,
    हर अदा एक क़यामत है जी
    @ आप कितना अच्छा लिखती हैं ?
    मुबारक हो आपको रंग बिरंग की खुशियाँ .
    हा हा हा sss हा हा हा हा ssss

    http://shekhchillykabaap.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

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  6. behad sundar...dil ke ekdam paas-paas sa.

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  7. बहुत सुन्दर प्रेरणादायक रचना |

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  8. आपकी हालिया पोस्ट की चर्चा हमने की है
    ब्लॉग की ख़बरें पर
    आयें और सराहें
    हमारा हौसला बढ़ाएं
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/03/blog-post_19.html

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  9. प्रीती ,
    बहुत ही सुंदर कविता !
    जी हाँ माँ सब कुछ है ...
    सब तों ऊपर रब दी थां
    दूजे थां ते आउंदी माँ
    की होइया जे रब नहीं वेखिया
    रब वरगी मेरी माँ तां है
    उस दीयां दितियाँ दुयावां दी
    मेरे सर ते छाँ तां है !

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  10. डॉ. सरिता चौहान
    एमसीएम डीएवी कॉलेज
    चंडीगढ़

    सराहनीय प्रयास. लिखती रहो.
    भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनायें .

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  11. Waaahh...Ek Ek shabd jaisa main mehsus karti hu wahi to hai yeh...

    Ha esi hi hoti hai Maa,
    Ha esi hi hai Meri Maa...ILu..!

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  12. माँ को समर्पित बेहतरीन कविता

    सचमुच वो माँ ही है जो हौंसला बंधाती है , आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है

    सुंदर रचना के लिए बधाई

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  13. बहूत हि सुंदर प्यारी रचना....:-)

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  14. माँ को शत शत नमन !

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