ज़िन्दगी में कभी कभी कुछ लम्हे ऐसे भी आते है जब हम कुछ बातें, कुछ एहसास अनकहे या अधूरे ही छोड़ देते हैं ... ये लम्हा अगर महसूस कर सकें तो बहुत खूबसूरत होता है .. हर पल में कई एहसास आते हैं और इससे पहले की हम कुछ बयां  कर सकें, वो अधूरे ही गुमशुदा हो जाते हैं, और बातें अधूरी रह जातीं हैं।
ऐसे में कोई एक ख़ास शख्स, जो दिल के बहुत करीब होता है, कोई ऐसा जिससे हम अपने सभी एहसास, सभी बातें सांझा करते है .. वो उत्सुक होते हैं जानने को उन सभी एहसासों को, पर जाने क्यों लब साथ नहीं देते। ऐसे ही चंद खूबसूरत लम्हों के लिए चंद पंक्तियाँ -


अनकहे लफ़्ज़ों की कुछ और ही कहानी है,
कुछ बातें, तो कुछ पहेलियों की ज़ुबानी है,
छुपाते हैं बातें वो, पहेलिओं कि ओट में,
क्यों भूल जाते हैं की,
सफ़र है लंबा और कुछ पल कि रवानी है.
तड़प जाते हैं हम, वस्ल-ए-यार को ,
पल-दो-पल उनके साथ को.
पर उनके लिए तो हर तड़प मेरी,
जैसे एक नई कहानी है,
तमन्नाएँ उठती है दिल में, मचल के ऐसे,
जैसे दिल में दफ़न कोई चिंगारी है.
मिल जाती है चाहतों को नई उमंगें,
उनके आ जाने से,
जैसे उनका होना ही उनकी जिंदगानी है.
हम कहते है उनसे कि, कह दो जो कहना है,
वरना, लम्बी है राहें,
और चंद  लम्हों की जिंदगानी है.
अनकहे लफ़्ज़ों की कुछ और ही कहानी है,
कुछ बातें, तो कुछ पहेलियों की ज़ुबानी है,
                                   


---आलोक कुमार उपाध्याय
http://safarthejourney.blogspot.in/

3 comments:

  1. अनकहे लफ़्ज़ों की कुछ और ही कहानी है,
    कुछ बातें, तो कुछ पहेलियों की ज़ुबानी है,
    बहुत बढ़िया

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  2. कुछ बातें, तो कुछ पहेलियों की ज़ुबानी है,
    बहुत खूब ... अनुपम प्रस्‍तुति

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