सोच से जो कुछ था बहुत दूर
वह है आज -
ये है यंग इंडिया .........
रश्मि प्रभा
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कल तक जो था नामुमकिन,
जोश और जूनून से भरी,
यह है नई यंग इंडिया।
हर रोज नई तरकीब निकाले,
हर रोज नया एक खोज करे;
शार्टकट में हर काम करने वाली,
यह है नई यंग इंडिया।
पीढियों की जिंदगी से उब सी चुकी,
लोअर लिविंग को गुड बाय कह दिया;
नयापन और नई ताजगी के साथ,
यह है नई यंग इंडिया।
जातिवाद, धर्मभेद नहीं कुछ,
हर नियम को लगभग बदल ही दिया;
अलग सोच के साथ बिल्कुल मनमौजी,
यह है नई यंग इंडिया।
अपनी सभ्यता रास न आती,
पाश्चात्य को ही अपना बना लिया;
फैशन और चकाचौंध की मारी,
यह है नई यंग इंडिया।
दोस्ती के नए तरीके और बहाने खोजती,
मोबाइल और नेट से ही सबकुछ कर लिया;
विपरीत लिंग के पीछे पागल-सी,
यह है नई यंग इंडिया।
गंभीरता नाम की अब चीज़ न कोई,
मस्ती को ही फितरत कर लिया;
क्रिकेट और फिल्मों की दीवानी,
यह है नई यंग इंडिया।
ई. प्रदीप कुमार साहनी
कल तक जो था नामुमकिन,
ReplyDeleteउसको भी आसान कर दिया;
जोश और जूनून से भरी,
यह है नई यंग इंडिया।..sahi likha hai ..jo ab tak nahi huaa to use karke dikha diya ..यह है नई यंग इंडिया।.
गंभीरता नाम की अब चीज़ न कोई,
ReplyDeleteमस्ती को ही फितरत कर लिया;
क्रिकेट और फिल्मों की दीवानी,
यह है नई यंग इंडिया।
दिल्ली में मस्ती को दरकिनार कर
गंभीरता दिखा एक नई जंग की
राह बता गई नई यंग इंडिया।
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ReplyDeleteपरम आदरणीय रश्मि जी का हार्दिक आभार जिन्होने मेरी इस रचना को यहाँ स्थान दिया |
ReplyDeleteये रचना मैंने कॉलेज के शुरुवाती दिनों में लिखी थी इसलिए हो सकता है बहुत सारी त्रुटियाँ भी हो |