जबरदस्ती तो होनी नहीं चाहिए
विरोधी मन ही सही गलत का निर्णय भूल जाता है
पसंद अपनी हो - थोपी गई पसंद जानलेवा भी हो सकती है
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Can you say:-
"It is my attitude"
जो सब को पसंद हो
वही मुझे भी पसंद हो,..
जो सब की सोच हो
वही मैं भी सोचूं
जो सब करते हैं
वही मैं भी करूं
माना की मैं भी
सब में से ही हूं
मेरे पास भी है शरीर
दिमाग और दिल
मेरी आंखे देखती है सच
और रोकती है भेड़चाल से
और जरा अलग से है
मेरे अहसास और मेरी संवेदनाएं
जो तलाशती रहती है
मेरे लिए अलग सा मुकाम
तराशती रहती है मुझमें
एक अलग सा व्यक्तित्व
मेरी सोच इजाजत नही देती
भीड़ में शामिल होने की
अब लोग जो भी समझें
पर मैं खुद को भीड़ मे
खोना नही चाहती,...
प्रीति सुराना
'मेरी यही खासियत है कि मैं मुझ जैसा हूँ |'
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है |
सादर
सुन्दर प्रस्तुति,
ReplyDeleteजारी रहिये,
बधाई !!
जरूरी नहीं औरों जैसा बनना...
ReplyDeleteखुद का अस्तित्व तलाशना चाहिए....
बहुत अच्छी...
अब लोग जो भी समझें
ReplyDeleteपर मैं खुद को भीड़ मे
खोना नही चाहती,....
सोच दिशा बता गई !!
मेरी सोच इजाजत नही देती
ReplyDeleteभीड़ में शामिल होने की
अब लोग जो भी समझें
पर मैं खुद को भीड़ मे
खोना नही चाहती,...achchhi kavita ....
अब लोग जो भी समझें
ReplyDeleteपर मैं खुद को भीड़ मे
खोना नही चाहती,..
....बहुत सुन्दर रचना...
स्व अस्तित्व को बनाए रखना ही भीड़ से अलग कर देता है...सुंदर रचना !!
ReplyDeleteastitv ko banaye rakhne ki lalak..behtareen..
ReplyDeletebahut aabhar Akash Mishraji liveaaryaavart.com ji वीना ji Vibha Rani Shrivastavaji कवि किशोर कुमार खोरेन्द्र ji Kailash Sharma ji ऋता शेखर मधु ji Kavita Verma ji
ReplyDeletebahut aabhar @रश्मि प्रभाजी,.. kavita post karne ke liye
ReplyDeleteभिन्नता स्वीकारने में सहमति है।
ReplyDeleteएक सार्थक अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद
ReplyDeletethanks all of u
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