मनुष्य ने ईश्वर से कल्पवृक्ष माँगा
और अपनी विकृतियों को प्रबल बना लिया
कल्पवृक्ष के आंसू प्रतीक्षित हैं
ईश्वर के अवतार के लिए
.... विनाश के बाद फिर होगी शुरुआत ....
रश्मि प्रभा
=============================================================
तैयार किए गए
कुछ रोबोट
डाले गए
चार्ज किए गए
हैवानियत की बैटरी से
फिर भेज दिये गए
इंसानों की बस्ती में
फैलने आतंक
ये और बात है
इंसानियत ज़िंदा रही
हार गए हैवान
नहीं डरा सके हमें
न हीं कमज़ोर कर सके
हमारा आत्मविश्वास
और फिर
नष्ट कर दिया गया
आखिरी रोबोट भी
पर जब तक जिंदा हैं
रोबोट बनाने वाले हाथ
इंसानियत के दुश्मन आज़ाद हैं
और हमारी मंज़िल
अभी दूर है ...
नादिर खान
सही लिखा है वो असल में रोबोट ही हैं जो बिना सही-गलत के बीच फर्क समझे सिर्फ आतंक फैलाने में लगे हैं |
ReplyDeleteसादर
सार्थकता लिये सशक्त अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआभार आपका चयन एवं प्रस्तुति क लिए
सादर
गहन अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteपर जब तक जिंदा हैं
ReplyDeleteरोबोट बनाने वाले हाथ
इंसानियत के दुश्मन आज़ाद हैं
और हमारी मंज़िल
अभी दूर है ...
बहुत दूर है !!
सशक्त चयन उम्दा प्रस्तुति,,
ReplyDeleteबहुत सशक्त प्रस्तुति...
ReplyDeleteसशक्त अभिव्यक्ति...आभार आपका चयन बहुत ही शानदार है... आभार
ReplyDeleteप्रशंसनीय, साधुवाद !!
ReplyDeleteओह सटीक, हाथ जिंदा है तो रोबोट के मरने से क्या...?
ReplyDeleteजब तक जिन्दा है रोबोट बनाने वाले हाथ ,
ReplyDeleteइंसानियत पर पहरे हैं !
सार्थक !