मनुष्य ने ईश्वर से कल्पवृक्ष माँगा 
और अपनी विकृतियों को प्रबल बना लिया 
कल्पवृक्ष के आंसू प्रतीक्षित हैं 
ईश्वर के अवतार के लिए 
.... विनाश के बाद फिर होगी शुरुआत ....




रश्मि प्रभा 

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तैयार किए गए
कुछ रोबोट
डाले गए
नफरत के प्रोग्राम
चार्ज किए गए
हैवानियत की बैटरी से
फिर भेज दिये  गए 
इंसानों की बस्ती में
फैलने आतंक

ये और बात है
इंसानियत ज़िंदा रही
हार गए हैवान
नहीं डरा सके हमें
न हीं कमज़ोर कर सके
हमारा आत्मविश्वास

और फिर
नष्ट कर दिया गया
आखिरी रोबोट भी
[nadir.png]हम खुश ज़रूर हैं
पर जब तक जिंदा हैं
रोबोट बनाने वाले हाथ
इंसानियत के दुश्मन आज़ाद हैं
और हमारी मंज़िल
अभी दूर है ...

नादिर खान 

10 comments:

  1. सही लिखा है वो असल में रोबोट ही हैं जो बिना सही-गलत के बीच फर्क समझे सिर्फ आतंक फैलाने में लगे हैं |

    सादर

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  2. सार्थकता लिये सशक्‍त अभिव्‍यक्ति
    आभार आपका चयन एवं प्रस्‍तुति क लिए

    सादर

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  3. गहन अभिव्यक्ति।

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  4. पर जब तक जिंदा हैं
    रोबोट बनाने वाले हाथ
    इंसानियत के दुश्मन आज़ाद हैं
    और हमारी मंज़िल
    अभी दूर है ...
    बहुत दूर है !!

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  5. सशक्‍त चयन उम्दा प्रस्तुति,,

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  6. बहुत सशक्त प्रस्तुति...

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  7. सशक्‍त अभिव्‍यक्ति...आभार आपका चयन बहुत ही शानदार है... आभार

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  8. प्रशंसनीय, साधुवाद !!

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  9. ओह सटीक, हाथ जिंदा है तो रोबोट के मरने से क्या...?

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  10. जब तक जिन्दा है रोबोट बनाने वाले हाथ ,
    इंसानियत पर पहरे हैं !
    सार्थक !

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