वह कौन है जो पहचान को गुम कर कुछ कहती है
सुनकर भी कौन सुनेगा भला ...
रश्मि प्रभा
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"मैंने कहा था" उसकी जिंदगी का हिस्सा है
ज़िन्दगी में मौजूद हर शख्स
अपनी हर चिंता से मुक्त हो जाता है
या स्वयं को शासक और उसे सेवक
की जगह खड़ा कर देता है हर रोज़
सुबह से लेकर रात तक वो
"मैंने कहा था" में उलझी रहती है
अब तक नहीं हुआ ये काम
मेरे जूते धुप में रखना
स्त्री के कपडे दे आना
खाने में ये बनाना
इस रिश्तेदार से एसे मिलना
उससे एसे बात करना
इस त्यौहार पर ये रीत निभाना
घर आँगन एसे सजाना
बच्चो को ये सब सिखाना
और भी ना जाने कितने
"मैंने कहा था" के साथ जुड़े वाक्य
और कहा अधुरा रह जाने पर जुडी कडवी बात
हर रोज वो अपने आस पास मंडराती देखती है .
अलग अलग लोग पर बस तीन शब्द
जिन्हें बोलकर वो आज्ञा देते हैं
और वो करती है कोशिश हर
मैंने कहा था को पूरा करने की
सारे "मैंने " सारे "मैं" उसके आगे
विकराल रूप धारण करते हैं
और वो हर रोज़ सोचती हैं
वो भी तो कुछ कहती है
कभी सुना है किसी ने ?
कनुप्रिया गुप्ता
सुंदर भाव....
ReplyDeletewaah bahut khub
ReplyDeleteऔर वो हर रोज़ सोचती हैं
ReplyDeleteवो भी तो कुछ कहती है
कभी सुना है किसी ने ?
GAHAN RACHNA ...
BADHAI kANUPRIYA JI .
बढिया
ReplyDeleteबहुत सुंदर
सुबह से शाम तक है बिज़ीbusy ....
ReplyDeleteपत्नी-बहु-माँ होना है ईज़ीeasy ....
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ReplyDeleteमैंने कहा था को पूरा करने की
ReplyDeleteसारे "मैंने " सारे "मैं" उसके आगे
विकराल रूप धारण करते हैं
और वो हर रोज़ सोचती हैं
वो भी तो कुछ कहती है
कभी सुना है किसी ने ?
वो सुनने की किसी के पास फ़ुर्सत कहाँ ?
sach may ye har ek grihani ki rachna....sab ye teen shabd bol kar mukt ho jate hain par jo pura karne ki koshish karta hai....uski vyatah ya uskay vichar koi nahi samjhta
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति.
ReplyDeleteoh thanks rashmi aunty aapne to badi purani kavita dhoondh nikali mere blog..sach me ek baar to laga ye maine hi likhi thi shayad kabhi....ajeeb hai na...bahut bahut dhanyawad aapka...:)
ReplyDeleteDr. Rama Dwivedi
ReplyDeletebahut sach aur bhaavpoorn rachna ....
बहुत ही सुन्दर ! इस 'मैंने कहा था' की भूल भुलैया में मध्यम वर्ग की हर नारी उलझी हुई है और शायद हमेशा इसी तरह उलझी रहेगी ! इतनी बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बधाई !
ReplyDeleteसही है ये मैंने कहा था .न जाने कब ख़त्म होगा
ReplyDeleteबेहतर प्रस्तुति !!
ReplyDelete'मैंने कहा था', के जरिये बहुत सुन्दर शब्द-चित्र
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति
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