जबरदस्ती तो होनी नहीं चाहिए 
विरोधी मन ही सही गलत का निर्णय भूल जाता है 
पसंद अपनी हो - थोपी गई पसंद जानलेवा भी हो सकती है 



रश्मि प्रभा 
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Can you say:-
"It is my attitude"

जरूरी तो नही 
जो सब को पसंद हो 
वही मुझे भी पसंद हो,..

जो सब की सोच हो
वही मैं भी सोचूं

जो सब करते हैं
वही मैं भी करूं

माना की मैं भी
सब में से ही हूं

मेरे पास भी है शरीर
दिमाग और दिल 

मेरी आंखे देखती है सच
और रोकती है भेड़चाल से

और जरा अलग से है
मेरे अहसास और मेरी संवेदनाएं

जो तलाशती रहती है 
मेरे लिए अलग सा मुकाम

तराशती रहती है मुझमें
एक अलग सा व्यक्तित्व

मेरी सोच इजाजत नही देती
भीड़ में शामिल होने की

अब लोग जो भी समझें
पर मैं खुद को भीड़ मे 
खोना नही चाहती,...

प्रीति सुराना

13 comments:

  1. 'मेरी यही खासियत है कि मैं मुझ जैसा हूँ |'
    बहुत अच्छा लिखा है |

    सादर

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  2. सुन्दर प्रस्तुति,
    जारी रहिये,
    बधाई !!

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  3. जरूरी नहीं औरों जैसा बनना...
    खुद का अस्तित्व तलाशना चाहिए....
    बहुत अच्छी...

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  4. अब लोग जो भी समझें
    पर मैं खुद को भीड़ मे
    खोना नही चाहती,....
    सोच दिशा बता गई !!

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  5. मेरी सोच इजाजत नही देती
    भीड़ में शामिल होने की

    अब लोग जो भी समझें
    पर मैं खुद को भीड़ मे
    खोना नही चाहती,...achchhi kavita ....

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  6. अब लोग जो भी समझें
    पर मैं खुद को भीड़ मे
    खोना नही चाहती,..

    ....बहुत सुन्दर रचना...

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  7. स्व अस्तित्व को बनाए रखना ही भीड़ से अलग कर देता है...सुंदर रचना !!

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  8. astitv ko banaye rakhne ki lalak..behtareen..

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  9. bahut aabhar Akash Mishraji liveaaryaavart.com ji वीना ji Vibha Rani Shrivastavaji कवि किशोर कुमार खोरेन्द्र ji Kailash Sharma ji ऋता शेखर मधु ji Kavita Verma ji

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  10. bahut aabhar @रश्मि प्रभाजी,.. kavita post karne ke liye

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  11. भिन्नता स्वीकारने में सहमति है।

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  12. एक सार्थक अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद

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