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कहां मरा है कीचक अभी,
कीचक न मरेगा कभी,
अगर कीचक मर जाता,
अबलाओं को कैसे नोच पाता।
कीचक को तुमने मार दिया
भीम ये तुम्हारा भ्रम है।

 गांव शहर हर मोड़ पर,
खडा है हैवानियत ओड़ कर,
मासूम नारियों पर करता है  वार,
कहता है समाज उसे बलातकार,
यौनशोषित नारी  जीवित है,
सभ्य समाज ये तुम्हारा भ्रम है।

पांचाली ने आवाज लगाई,
दी थी श्याम  को वो आवाज सुनाई।
असंख्य नारियां करहा रही है,
श्याम  को बुला रही है,
बचाएंगे    श्याम आकर  लाज,
हिंद की बेटी  ये केवल भ्रम है।

पूजनीय है नारी जहां देवी समान,
होता है नारी का घर घर में संमान,
ये  अमानव दरिंदे कहां से आए,
जो नारी शक्ति को     समझ न पाए,
मिट गयी थी  रावण की हस्ति,
बचोगे तुम, तुम्हारा भ्रम है।





कुलदीप सिंग 

3 comments:

  1. दुखद
    अंत में दी गयी चेतावनी की भी बहुत जरूरत थी |

    सादर

    ReplyDelete
  2. पूजनीय है नारी जहां देवी समान,
    होता है नारी का घर घर में संमान,
    ये अमानव दरिंदे कहां से आए,
    जो नारी शक्ति को समझ न पाए,
    मिट गयी थी रावण की हस्ति,
    बचोगे तुम, तुम्हारा भ्रम है।..true

    ReplyDelete
  3. मिट गयी थी रावण की हस्ति,
    बचोगे तुम, तुम्हारा भ्रम है।
    लेकिन कब तक ??

    ReplyDelete

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