ज़िन्दगी - जाने कितनी परिभाषाओं से बंधी है 
या यूँ कहो उड़ रही है 
या साँसें लेने की कोशिश में 
अपना वजूद ढूंढ रही है ...

    रश्मि प्रभा 




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जीवन का अर्थ 

एक दिन जिन्दगी 
हमसे रूबरू होके बोली |
कौन हो तुम और
किसके लिए हो ?
साँस लेते रहना सिर्फ ...
आदत ही तो नहीं है ?
किसके हो और 
किसके खातिर बने हो ?
अब हम जिन्दगी को 
इसका क्या जवाब देते ?
हमें तो लगा था हम 
जुड़वाँ हैं बहनें |
हमारा जन्म - मरण 
हमारी मर्जी तो नहीं है |
हम तो बस ...कुछ पल को
खुद को  है समेटे |
क्या देना है क्या है लेना 
उफ़ .... कितने सवाल थे ये ?
तब जाके फिर ...
जिन्दगी के पन्नों  से हम गुजरे |
बचपन के दृश्य में जाके 
कुछ पल को  ठहरे |
दस , बारह  बच्चों की थी वो टोली ,
हार- जीत के क्षण में आके थी ठहरी |
चीटिंग - चीटिंग के शोर से था 
सारे आलम में सन्नाटा |
यहाँ  अमीरी गरीबी से ... ये कह रही थी |
जीत भी केवल , अमीरों के  हक में हो जैसे |
उसी का इंसाफ करके , तब हम आगे बड़े थे |
दर्द था पुराना , पर कसक आज तक थी  |
जिंदगी का सही अर्थ तो जाना उसी पल था |
जिंदगी में सबको जीने का बराबर का हक है |
की जीवन का सही अर्थ तो छुपा इसी में था |

मीनाक्षी पन्त 
http://duniyarangili.blogspot.in/

मेरा अपना परिचय आप सबसे है जो जितना समझ पायेगा वो उसी नाम से पुँकारेगा हाँ मेरा उद्द्श्ये अपने लिए कुछ नहीं बस मेरे द्वारा लिखी बात से कोई न कोई सन्देश देते रहना है की ज्यादा नहीं तो कम से कम किसी एक को तो सोचने पर मजबूर कर सके की हाँ अगर हम चाहे तो कुछ भी कर पाना असंभव नहीं और मेरा लिखना सफल हो जायेगा की मेरे प्रयत्न और उसके होंसले ने इसे सच कर दिखाया |

11 comments:

  1. जिंदगी ही पूछ रही, जीवित हैं क्या हम |
    श्वास लेना ही नहीं, जीवन का है मर्म ||

    आपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (05-12-12) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
    सूचनार्थ |

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  2. जिंदगी का सही अर्थ तो जाना उसी पल था |
    जिंदगी में सबको जीने का बराबर का हक है |
    की जीवन का सही अर्थ तो छुपा इसी में था |

    सच कहा

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  3. शुभकामनाएं आदरेया-
    बढ़िया प्रस्तुती ||

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  4. बहुत प्यारी रचना...
    मीनाक्षी जी को हमेशा पढ़ती हूँ....
    बेहतरीन रचनाकार और प्यारी सी इंसान हैं.

    सादर
    अनु

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  5. सार्गभित, प्रशंसनिये..

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  6. बेहतरीन रचनाकार प्यारी सी रचना.....

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  7. सोचने को मजबूर करती है रचना बहुत सुन्दर बधाई

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  8. मैं आप सबकी बहुत २ शुक्रगुजार हूँ की आप सब मेरी रचनाओं को इतना सम्मान देते हैं | बहुत शुक्रिया दोस्तों |

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